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नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की गंभीर होती समस्या अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। बुधवार (16 अक्टूबर) को सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में नाकाम रहने पर पंजाब और हरियाणा सरकारों को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब कर 23 अक्टूबर को अदालत में पेश होकर अपनी सफाई देने का आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होने के लिए राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं। मामूली जुर्माना लगाकर छोड़ देने से समस्या का समाधान नहीं हो रहा। कोर्ट ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। साथ ही, अदालत ने एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन को निर्देश दिया कि वह निर्देशों का पालन न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करे।

दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरे के निशान को पार कर चुका है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली के कई इलाकों में AQI 300 से अधिक हो गया है। स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम (GRAP) का पहला चरण लागू कर दिया है। इसके तहत आतिशबाजी, होटल-रेस्टोरेंट में कोयला और लकड़ी जलाने और खुले में कचरा फेंकने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है।

 

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