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जिलाधिकारी ने डीग गेट स्थित आंबेडकर पार्क में स्थापित डॉ0 भीमराव आंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धापूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित की
राधा रानी की जन्मस्थली बरसाना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 207 करोड़ से अधिक की योजनाओं को दी मंजूरी
मथुरा रिफाइनरी ने किया संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर को नमन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एम्स ऋषिकेश के पांचवें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की
इंजीनियरिंग में भी बढे महिलाओं की भागीदारी – रेखा आर्या
श्मशान घरों की अंत्येष्टि के इंतजार में ग्राम प्रधान
आईपीएल 2025- कोलकाता नाइट राइडर्स और पंजाब किंग्स के बीच मुकाबला आज
अलग- अलग निजी अस्पतालों में 15 मरीजों में डेंगू वायरस की पुष्टि 
मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी नड्डा का जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर किया स्वागत

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें सड़क दुर्घटना पीड़ित की उम्र निर्धारण के लिए आधार कार्ड को वैध दस्तावेज माना गया था। न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि मृतक की उम्र का निर्धारण किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 94 के तहत किया जाना चाहिए। इसके अनुसार, उम्र के प्रमाण के रूप में स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र में दर्ज जन्म तिथि को ही स्वीकार किया जाना चाहिए।

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