Headline
एसजीआरआर आईएमएण्डएचएस में एथलीटिका-2024 का रंगारंग आगाज
डीएम देहरादून की अधिकारियों को सख्त हिदायत, कार्यों में लापरवाही पर सम्बन्धितों की होगी जिम्मेदारी
पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने की 04 घोषणाएं।
मुख्यमंत्री धामी ने वर्चुअल माध्यम से लालकुआं-बांद्रा सुपरफास्ट ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना।
मुख्यमंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष के बीच राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित सरस मेला-2024 का किया शुभारंभ।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी 31 अक्तूबर को पर्यटकों के लिए कर दी जाएगी बंद , घाटी में अब तक पहुचें 19,425 पर्यटक
यूपीसीएल के अस्सी प्रतिशत से अधिक उपभोक्ता कर रहे डिजिटल भुगतान
सीएम धामी को उत्तराखण्ड महोत्सव के लिए किया आमंत्रित
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल समेत तमाम दिग्गजों ने शहीद मेजर को दी श्रद्धांजलि
देहरादून। शहीद मेजर प्रणय नेगी का पार्थिव शरीर उनके घर भनियाववाला पहुंचते ही परिजन बिलख पड़े। इस दौरान सैकड़ों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला सहित ग्रामीणों ने नम आंखों से दी शहीद मेजर को श्रद्धांजलि। शहीद मेजर प्रणय नेगी का पार्थिव शरीर हरिद्वार ले जाया गया। देहरादून जिले के भानियावाला के संगतियावाला गांव निवासी एक मेजर लेह में हाई एटीट्यूड पर ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे। मेजर के शहीद होने की खबर सुनकर परिवार में कोहराम मच गया।

18 आर्टिलरी बटालियन में तैनात सुदर्शन नेगी के बेटे मेजर प्रणव नेगी (36) लेह में ड्यूटी पर थे। मंगलवार सुबह सेना मुख्यालय से मेजर प्रणव के परिजनों को सूचना मिली कि स्वास्थ्य खराब होने से वह शहीद हो गए हैं। मेजर के शहीद होने की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मेजर के रिश्तेदारों और आसपास के लोगों ने शहीद मेजर के घर जाकर परिजनों को सांत्वना दी। शहीद मेजर तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। तीन साल पहले ही मेजर की शादी हुई थी। उनका डेढ़ साल का एक बेटा है।

चाचा नरेंद्र नेगी के मुताबिक, लेह में हाई एटीट्यूड में तैनाती के दौरान ऑक्सीजन की कमी से स्वास्थ्य बिगड़ने पर मेजर शहीद हो गए थे। प्रणव नेगी 2013 में आईएमए से पासआउट होकर सेना में लेफ्टिनेंट बने थे। वो मूल रूप से थाती डांगर गांव कीर्तिनगर टिहरी के रहने वाले थे। मेजर प्रणव के दादा भी फौज में थे, जबकि पिता ने होटल लाइन में नौकरी कर तीनों बच्चों को मसूरी के प्रतिष्ठित स्कूलों से शिक्षा दिलाई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top