Headline
एसजीआरआर आईएमएण्डएचएस में एथलीटिका-2024 का रंगारंग आगाज
डीएम देहरादून की अधिकारियों को सख्त हिदायत, कार्यों में लापरवाही पर सम्बन्धितों की होगी जिम्मेदारी
पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने की 04 घोषणाएं।
मुख्यमंत्री धामी ने वर्चुअल माध्यम से लालकुआं-बांद्रा सुपरफास्ट ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना।
मुख्यमंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष के बीच राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित सरस मेला-2024 का किया शुभारंभ।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी 31 अक्तूबर को पर्यटकों के लिए कर दी जाएगी बंद , घाटी में अब तक पहुचें 19,425 पर्यटक
यूपीसीएल के अस्सी प्रतिशत से अधिक उपभोक्ता कर रहे डिजिटल भुगतान
सीएम धामी को उत्तराखण्ड महोत्सव के लिए किया आमंत्रित

शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के पास बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में जाने से सियासी घमासान मचा है। कांग्रेस के बागी विधायकों पर बड़ी कार्रवाई हुई है। सभी छह बागी विधायक अयोग्य घोषित कर दिए गए हैं। कांग्रेस के छह बागी विधायकों के भविष्य पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने फैसला सुना दिया है। कांग्रेस विधायक और संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने दलबदल विरोधी कानून के तहत छह विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दायर की थी। दरअसल, स्पीकर ने कल दोनों पक्षों को सुना था। आज स्पीकर ने फैसला सुनाया है।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि दलबदल विरोधी कानून के तहत छह विधायकों के खिलाफ मुझे याचिका मिली थी। छह विधायक जिन्होंने चुनाव कांग्रेस से लड़ा और दलबदल विरोधी कानून के तहत उनके खिलाफ याचिका मिली। मैंने अपने 30 पेज के आदेश में काफी विस्तार से इसकी जानकारी दी है। मैंने उन छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है, अब वे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं है। बागी विधायकों पर आरोप है कि भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी के पक्ष में व्हिप जारी होने के बावजूद वोटिंग की। इसके अलावा बजट पारित करने के दौरान व्हिप जारी होने के बावजूद ये सदन से गैर हाजिर रहे।

बागी हुए कांग्रेस विधायकों में राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, देवेंद्र कुमार भुट्टो, इंद्रदत्त लखनपाल और चैतन्य शर्मा के नाम शामिल हैं। छह विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाए पर हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अभी मेरा इस पर कुछ भी कहना उचित नहीं है। हमारे पर्यवेक्षक यहां आए हैं, उन्होंने परिस्थिति को देखा है और फिर स्पीकर ने फैसला लिया है, इसलिए मेरा इसपर कुछ कहना उचित नहीं है। इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि मामला हाईकमान के ध्यान में लाया गया है। अभी वे पर्यवेक्षक से मिलेंगे और इसके बाद आगामी फैसला लिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top