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पटरी बिछाने का कार्य जून में होगा शुरू

ऋषिकेश। राष्ट्रीय व सामरिक महत्व की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना में सुरंगों की खोदाई का कार्य करीब 70 फीसदी पूर्ण हो गया है। रेलवे विकास निगम का कहना है कि वर्ष 2025 तक सुरंगों की खोदाई का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। आरवीएनएल का दावा है कि 2026 के अंत तक रेल चलनी शुरू हो जाएगी। शुक्रवार को रेलवे विकास निगम (आरवीएनएल) परिसर में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह यादव ने पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मापदंडों में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। अनुभवी कंपनियों को कार्य दिया गया है। मुख्य व सहायक सुरंगों की कुल 213 किमी में से 153 किमी खोदाई हो चुकी है। मुख्य सुरंगों की कुल लंबाई 104 किमी है। जिसमें से 75 किमी की खोदाई हो चुकी है। यादव ने कहा कि सभी सहायक सुरंगें हाईवे से जोड़ी जाएंगी। जिससे कि आवश्यकता पड़ने पर यात्रियों को सीधे हाईवे पर निकाला जा सके।

कहा, सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत विभिन्न क्षेत्रों में करीब एक करोड़ से अधिक लागत के कार्य किए जा रहे हैं। इस अवसर पर डीजीएम ओपी मालगुड़ी, भू वैज्ञानिक विजय डंगवाल, हेमेंद्र कुमार, भूपेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे। अजीत सिंह यादव ने बताया कि प्रयास किया जा रहा है कि जून माह तक पटरी बिछाने का कार्य शुरू कर दिया जाए। पटरी बिछाए जाने के लिए निविदा प्रक्रिया जारी है। 20 फरवरी को तकनीकी बिड खाेल दी गई है। इसके रिव्यू के बाद अप्रैल माह में वित्तीय बिड भी खोल दी जाएगी। जिसके एक दो माह बाद पटरी बिछाने का कार्य आवंटित कर दिया जाएगा। कहा, परियोजना में कुल 16 रेलवे पुल भी हैं जिनमें से चंद्रभागा, गूलर, लक्ष्मोली व श्रीनगर के रेलवे पुल बन कर तैयार हो चुके हैं। शेष 12 पुलों का निर्माण कार्य भी 50 फीसदी पूर्ण हो चुका है।

आरवीएनएल अपने सीएसआर फंड के तहत 10 किमी लंबे कीर्तिनगर जनासू मोटर मार्ग व करीब 14 किमी लंबे देवप्रयाग-पौड़ी मोटर मार्ग का सुदृढ़ीकरण कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों मार्गों पर डामरीकरण के साथ ही सुरक्षात्मक कार्य किए जाएंगे। करीब 25 करोड़ की लागत से दोनों मोटर मार्गों का कार्य किया जा रहा है। कीर्तिनगर-जनासू मोटर मार्ग का कार्य करीब 50 फीसदी पूर्ण हो चुका है। जबकि देवप्रयाग-पौड़ी मोटर मार्ग पर जल्द कार्य शुरू कर दिया जाएगा। सीपीएम अजीत सिंह यादव ने बताया कि परियोजना में कुल 12 स्टेशन हैं। जिनमें से वीरभद्र और योगनगरी रेलवे स्टेशन बन कर तैयार हो चुके हैं। अब 10 स्टेशन बनने हैं। स्टेशन निर्माण के लिए अगस्त तक टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी। बड़े स्टेशनों में श्रीनगर व कर्णप्रयाग शामिल हैं। जनासू व देवप्रयाग स्टेशनों का कुछ हिस्सा टनल के भीतर है। बाकी सभी स्टेशन टनल के बाहर हैं।

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