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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। कोर्ट के आदेश पर मस्जिद में सर्वे के लिए पहुंची 7 सदस्यीय टीम का स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध किया। सैकड़ों की भीड़ ने मस्जिद को तीन दिशाओं से घेर लिया और स्थिति हिंसक झड़पों में बदल गई। पथराव, आगजनी और गोलीबारी के बीच पुलिसकर्मी भी घायल हुए।

क्या हुआ संभल में?
कोर्ट द्वारा नियुक्त टीम जब शाही जामा मस्जिद में सर्वे के लिए पहुंची, तब भीड़ ने मस्जिद को घेर लिया।
स्थिति बिगड़ने पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव और आगजनी शुरू कर दी।
झड़पों में 4 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
पुलिसकर्मियों को भी गंभीर चोटें आईं।

स्थिति पर प्रशासन का रुख
हिंसा के बाद प्रशासन ने संभल में सख्त कदम उठाए हैं:
स्कूल बंद: सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है।
इंटरनेट सेवाएं निलंबित: किसी भी अफवाह को फैलने से रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद हैं।
धारा 144 लागू: बड़ी सभाओं और सार्वजनिक जमावड़े पर पाबंदी लगाई गई है।

मामले की जड़: शाही जामा मस्जिद का विवाद
संभल हिंसा की जड़ें शाही जामा मस्जिद और उसके इतिहास पर चल रहे विवाद से जुड़ी हैं। हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद एक प्राचीन श्री हरि हर मंदिर के स्थान पर बनाई गई है, जो भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि को समर्पित था।

याचिका का दावा:
हिंदू पक्ष ने अदालत में दायर याचिका में कहा कि मस्जिद का निर्माण मुगल सम्राट बाबर ने 1526 में श्री हरि हर मंदिर को ध्वस्त कर किया था।

कोर्ट का आदेश:
अदालत ने मस्जिद में सर्वेक्षण के लिए एक अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त किया और रिपोर्ट 29 नवंबर तक जमा करने का निर्देश दिया।

इतिहासकारों और ASI की राय
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 1879 की रिपोर्ट का हवाला देकर हिंदू पक्ष ने दावा किया कि मस्जिद का निर्माण मंदिर के अवशेषों पर हुआ था। हालांकि, इस दावे को लेकर विवाद बना हुआ है।

प्रशासन ने शांति की अपील की
प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। साथ ही, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है।

संभल में अब भी तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है, और प्रशासन स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है।

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