Headline
एसजीआरआर आईएमएण्डएचएस में एथलीटिका-2024 का रंगारंग आगाज
डीएम देहरादून की अधिकारियों को सख्त हिदायत, कार्यों में लापरवाही पर सम्बन्धितों की होगी जिम्मेदारी
पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने की 04 घोषणाएं।
मुख्यमंत्री धामी ने वर्चुअल माध्यम से लालकुआं-बांद्रा सुपरफास्ट ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना।
मुख्यमंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष के बीच राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित सरस मेला-2024 का किया शुभारंभ।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी 31 अक्तूबर को पर्यटकों के लिए कर दी जाएगी बंद , घाटी में अब तक पहुचें 19,425 पर्यटक
यूपीसीएल के अस्सी प्रतिशत से अधिक उपभोक्ता कर रहे डिजिटल भुगतान
सीएम धामी को उत्तराखण्ड महोत्सव के लिए किया आमंत्रित

ब्रह्मोस सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल भारत ने फिलीपींस को दे दी। दोनों देशों के बीच 37.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर में समझौता 2022 में हुआ था। भारतीय वायु सेना के अमेरिकी मूल के सी-17 के ग्लोब मास्टर ट्रांसपोर्ट एअरक्राफ्ट से फिलीपींस मरीन क्राप्स को ये हथियार सौंपे। यह ऑर्डर 290 किलोमीटर की रेंज वाली एंटी शिप क्रूज मिसाइल के तट आधारित संस्करण के लिए है। ब्रह्मोस सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल भारत-रूस का संयुक्त उद्यम है। भारत डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मशिनोस्ट्रोयेनिया इसके प्रमुख साझेदार हैं। ब्रह्मोस की धाक पूरी दुनिया में है तथा यह पहला अंतरराष्ट्रीय ऑडर है। अंदाजा है कि फिलीपींस इसे अपने तटीय इलाकों में तैनात करेगा।

इस मिसाइल पण्राली में लॉन्चर, वाहन, लोडर, कमांड और नियंत्रण केंद्र आदि शामिल हैं। भारत के पास लंबी दूरी की कई अन्य मिसाइलें भी हैं। मगर फिलीपींस को दी गई  मिसाइलें मूल रूप से छोटी बताई जा रही हैं, जो बिल्कुल नई हैं तथा उस खेप का हिस्सा नहीं हैं, जो भारतीय सशस्त्र बल के पास हैं।

यह प्रसिद्ध हथियार ऐसे वक्त सौंपा जा रहा है, जब दक्षिण चीन सागर में लगातार झड़पें चालू हैं जिससे दोनों मुल्कों के दरम्यान लगातार तनाव बढ़ रहा है। चूंकि ये मिसाइलें दस सेकेंड के भीतर दुश्मन को निशाना बना सकती हैं, इसलिए कहा जा रहा है कि फिलीपींस समुद्र में अपनी ताकत बढ़ा कर चीन से आमने-सामने झड़प के लिए अपनी सेना को तैयार कर रहा है। हमारे विशेषज्ञ फिलीपींस की सेना को इसकी विशेष ट्रेंनिंग भी देंगे जो इस ऑर्डर में लिखित है। इससे न सिर्फ रक्षा क्षेत्र में हमारी धाक बढ़ेगी, बल्कि हमारी सेना का मनोबल भी ऊंचा हो सकेगा।

अपनी इन क्षमताओं के बूते साउथ ईस्ट एशिया में भारत प्रमुख शस्त्र निर्यातक बनने की तैयारी भी कर सकता है, जो वैिक तौर पर भारत की बदलती छवि को लेकर बेहतरीन भूमिका निभाने वाला साबित हो सकता है। नि:संदेह अपने यहां प्रतिभाओं की कमी नहीं है। विभिन्न क्षेत्रों में अपने यहां विशेषज्ञों की धाक जमी हुई है। यदि उन्हें बेहतर मौके मिलते हैं, तो वे देश का नाम रोशन करने के साथ ही चौतरफा अनुभव बटोर सकेंगे और उत्साहजनक ढंग से प्रतिस्पर्धात्मक क्षेत्रों में अव्वल आने के मौके नहीं चूकने का बेहतरीन प्रयास करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top