Supreme Court – One India Times https://oneindiatimes.com National News Portal Mon, 25 Nov 2024 13:32:18 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://oneindiatimes.com/wp-content/uploads/2022/12/fav.png Supreme Court – One India Times https://oneindiatimes.com 32 32 दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का कहर: सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों और कक्षाओं पर प्रतिबंधों में ढील पर दिया निर्देश https://oneindiatimes.com/air-pollution-wreaks-havoc-in-delhi-ncr-supreme-court-gives-instructions-on-easing-restrictions-on-schools-and-classes/ https://oneindiatimes.com/air-pollution-wreaks-havoc-in-delhi-ncr-supreme-court-gives-instructions-on-easing-restrictions-on-schools-and-classes/#respond Mon, 25 Nov 2024 13:32:18 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=31354

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का गंभीर संकट जारी है, जिससे राजधानी के निवासियों का सामान्य जीवन मुश्किल हो गया है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 25 नवंबर को प्रदूषण से संबंधित मामले की सुनवाई की।

स्कूलों और कॉलेजों पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को निर्देश दिया है कि वह स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों की भौतिक कक्षाओं पर लगे प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार करे। यह प्रतिबंध पिछले हफ्ते गंभीर वायु प्रदूषण के कारण लगाए गए थे।

छात्रों के मध्याह्न भोजन पर प्रभाव
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि भौतिक कक्षाओं के निलंबन से कई छात्र मध्याह्न भोजन का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि कई घरों में एयर प्यूरीफायर नहीं हैं, जिससे इन घरों के अंदर और बाहर की हवा में कोई खास अंतर नहीं होता।

कक्षा 10 और 12 के छात्रों पर विचार
सुप्रीम कोर्ट ने CAQM को निर्देश दिया कि वह कक्षा 10 और 12 के लिए भौतिक कक्षाएं जारी रखने पर भी निर्णय ले। कोर्ट ने इस मामले में मंगलवार तक फैसला लेने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने उठाए अहम सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के 600 तक पहुंचने पर गंभीर चिंता जताई। कोर्ट ने कमिश्नर से प्रदूषण रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट पेश करने को कहा। न्यायालय ने सवाल किया कि क्या ऐसे चेक पोस्ट हैं जो प्रदूषणकारी ट्रकों के प्रवेश को रोकने का काम करते हैं।

माता-पिता की याचिका पर सुनवाई
हाशिए पर रहने वाले वर्गों और विशेष जरूरतों वाले बच्चों के माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर शारीरिक कक्षाओं को फिर से शुरू करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि समाज के निचले तबके के कई परिवारों के पास इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों तक पहुंच नहीं है।

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति ने प्रशासन और न्यायपालिका को ठोस कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्देश प्रदूषण संकट और शिक्षा के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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दिल्ली सरकार की कोशिशों से हम संतुष्ट नहीं, ट्रकों की एंट्री क्यों नहीं रोकीः सुप्रीम कोर्ट https://oneindiatimes.com/we-are-not-satisfied-with-the-efforts-of-the-delhi-government-why-was-the-entry-of-trucks-not-stopped-supreme-court/ https://oneindiatimes.com/we-are-not-satisfied-with-the-efforts-of-the-delhi-government-why-was-the-entry-of-trucks-not-stopped-supreme-court/#respond Fri, 22 Nov 2024 13:28:31 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=31056

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली में प्रदूषण को लेकर AAP सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, ‘दिल्ली सरकार की कोशिशों से हम संतुष्ट नहीं हैं। सरकार ने ट्रकों की एंट्री रोकने के लिए भी कुछ नहीं किया है।” कोर्ट ने इस मामले में बार के 13 युवा वकीलों को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है। इन वकीलों को दिल्ली के एंट्री प्वाइंट्स पर जाकर जांच करने और रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि शनिवार तक सभी एंट्री प्वाइंट्स की जांच रिपोर्ट जमा की जाए, जिस पर सोमवार को सुनवाई होगी।

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए दिल्ली सरकार के कदम को लेकर आपत्ति जताई है। आदेशों के बावजूद दिल्ली पुलिस स्टेज 4 के प्रतिबंध समय पर लागू कराने में विफल रही। GRAP-4 के प्रतिबंध कम से कम 3 दिन और लागू रहने चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सांसद हुल गांधी ने पल्यूशन पर चिंता जताते हुए कहा कि उत्तर भारत में वायु प्रदूषण एक राष्ट्रीय आपातकाल है, एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट जो हमारे बच्चों का भविष्य चुरा रहा है और बुजुर्गों का दम घुट रहा है। यह एक पर्यावरणीय और आर्थिक तबाही है जो अनगिनत लोगों के जीवन को बर्बाद कर रही है।

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सुप्रीम कोर्ट ने सद्गुरु को दी बड़ी राहत, मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक https://oneindiatimes.com/supreme-court-gives-big-relief-to-sadhguru-stays-madras-high-court-order/ https://oneindiatimes.com/supreme-court-gives-big-relief-to-sadhguru-stays-madras-high-court-order/#respond Thu, 03 Oct 2024 10:15:14 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=26596

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन को बड़ी राहत देते हुए मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें तमिलनाडु पुलिस को फाउंडेशन के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच का निर्देश दिया गया था। इसके साथ ही, शीर्ष अदालत ने पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश भी दिया है।

CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे, ईशा फाउंडेशन की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। फाउंडेशन के वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया था, यह कहते हुए कि पुलिस द्वारा फाउंडेशन के आश्रम पर बड़ी छापेमारी की गई है।

क्या है मामला?
मामला उस समय चर्चा में आया जब रिटायर्ड प्रोफेसर एस. कामराज ने याचिका दायर कर आरोप लगाया कि उनकी बेटियों को ईशा योग केंद्र में अवैध रूप से बंधक बनाया गया है। मद्रास हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 30 सितंबर को पुलिस को जांच के आदेश दिए थे। कामराज का आरोप है कि उनकी बेटियों को ईशा फाउंडेशन ने ‘ब्रेनवॉश’ कर वहां रहने के लिए मजबूर किया और उन्हें अपने परिवार से संपर्क करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल पुलिस को हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत कोई भी कार्रवाई करने से रोका है और मामले की जांच जारी है।

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