Lok Sabha – One India Times https://oneindiatimes.com National News Portal Thu, 05 Dec 2024 12:19:42 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://oneindiatimes.com/wp-content/uploads/2022/12/fav.png Lok Sabha – One India Times https://oneindiatimes.com 32 32 सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में सड़क दुर्घटनाओं और परियोजनाओं पर अपनी चिंता जताई https://oneindiatimes.com/road-transport-minister-nitin-gadkari-expressed-his-concern-over-road-accidents-and-projects-in-the-lok-sabha/ https://oneindiatimes.com/road-transport-minister-nitin-gadkari-expressed-his-concern-over-road-accidents-and-projects-in-the-lok-sabha/#respond Thu, 05 Dec 2024 12:19:42 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=32413

नई दिल्ली: सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में अपने मंत्रालय से जुड़े कार्यों पर चर्चा करते हुए सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों पर रोष जाहिर किया। इसके अलावा, उन्होंने सड़क परियोजनाओं में कॉन्ट्रैक्टर्स की लापरवाही और टोल केंद्रों की संख्या पर भी अपने विचार व्यक्त किए। गडकरी का यह बयान उस समय आया जब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जुड़ी खामियों को उठाया था और इस पर गंभीर सवाल किए थे।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर गडकरी का जवाब
हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर 150 से ज्यादा लोगों की मौत का जिक्र किया था और विशेष रूप से दौसा में हुई 50 से अधिक मौतों पर चिंता जताई थी। उन्होंने एक्सप्रेस-वे के ठेकेदारों और अफसरों पर कार्रवाई की मांग की थी।

इस पर गडकरी ने बताया कि यह देश का सबसे लंबा और सबसे कम समय में बनकर तैयार हुआ एक्सप्रेस-वे है, जिसकी लागत एक लाख करोड़ रुपये है। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ जगहों पर लेयर में फर्क आया है, लेकिन मैटेरियल की गुणवत्ता में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। गडकरी ने कहा कि इस पर चार ठेकेदारों को जिम्मेदार ठहराया गया है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि गुणवत्ता से संबंधित काम में लापरवाही करने वाले कॉन्ट्रैक्टर छह महीने तक कोई टेंडर नहीं भर पाएंगे और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतों पर गडकरी की चिंता
गडकरी ने सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों पर भी चिंता जताई और कहा कि एक साल में 1.68 लाख लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है। उन्होंने बताया कि इन दुर्घटनाओं में मरने वाले 60 प्रतिशत लोग युवा थे। उन्होंने यह स्थिति “दुखद” बताते हुए कहा कि इसे रोकने के लिए समाज को मिलकर काम करना होगा। गडकरी ने अपनी व्यक्तिगत अनुभव का भी उल्लेख किया, जब वह सड़क दुर्घटना का शिकार हुए थे और उनकी चार हड्डियां टूट गई थीं। उन्होंने सांसदों से अपील की कि वे सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से सहयोग करें।

गडकरी ने कहा, “जब मैं महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष था, तब सड़क दुर्घटना में घायल हुआ था। मैं इस दर्द को समझता हूं और इसे खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा।”

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लोकसभा ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया, ग्राहकों के अनुभव और नागरिकों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम https://oneindiatimes.com/lok-sabha-passed-the-banking-laws-amendment-bill-2024-an-important-step-for-customer-experience-and-protection-of-citizens/ https://oneindiatimes.com/lok-sabha-passed-the-banking-laws-amendment-bill-2024-an-important-step-for-customer-experience-and-protection-of-citizens/#respond Wed, 04 Dec 2024 13:26:41 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=32307

नई दिल्ली: ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने और नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, लोकसभा ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित कर दिया है। इस विधेयक के तहत, बैंक खाताधारकों को अपने खातों में अधिकतम चार नामांकित व्यक्ति रखने की अनुमति दी जाएगी।

नामांकित व्यक्तियों की संख्या बढ़ाने का उद्देश्य बैंकों में बिना दावे वाली जमा राशियों को कम करना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जमाकर्ताओं के पास अब क्रमिक या एक साथ नामांकन की सुविधा होगी, जबकि लॉकर धारकों के लिए केवल क्रमिक नामांकन की व्यवस्था रहेगी।

इसके अलावा, एक और बड़ा बदलाव निदेशक पदों के लिए ‘पर्याप्त ब्याज’ को फिर से परिभाषित किया गया है, जिससे वर्तमान में तय की गई 5 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये किया जा सकता है।

वित्त मंत्री ने कहा, “भारत का बैंकिंग क्षेत्र राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है। हम एक भी बैंक को संघर्ष नहीं करने दे सकते। 2014 से हम इस बात को लेकर सतर्क रहे हैं कि बैंक स्थिर रहें। हमारा उद्देश्य अपने बैंकों को सुरक्षित, स्थिर और स्वस्थ रखना है, और 10 सालों में इसका सकारात्मक प्रभाव अर्थव्यवस्था पर दिखाई दे रहा है।”

उन्होंने यह भी कहा, “आज बैंकों को पेशेवर तरीके से चलाया जा रहा है। मेट्रिक्स स्वस्थ हैं, इसलिए वे बाजार में जा सकते हैं, बॉन्ड और ऋण जुटा सकते हैं और अपने व्यवसाय को उसी के अनुसार चला सकते हैं।”

बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक की मुख्य विशेषताएं:
– बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 के तहत, जमाराशियों, सेफ कस्टडी में रखी वस्तुओं और सुरक्षा लॉकरों के नामांकन में अधिकतम चार व्यक्तियों को नामांकित करने की अनुमति दी गई है।
– यह विधेयक किसी व्यक्ति द्वारा लाभकारी हित की शेयरधारिता की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये करने की अनुमति देता है।
– विधेयक के तहत बैंकों द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक को वैधानिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने की तिथियों को संशोधित करने की अनुमति दी गई है, ताकि रिपोर्ट पखवाड़े, महीने या तिमाही के अंत के अनुसार अलाइन की जा सके।
– सहकारी बैंकों में निदेशकों का कार्यकाल 8 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष किया गया है, हालांकि अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशकों पर यह नियम लागू नहीं होगा।
– विधेयक के तहत केंद्रीय सहकारी बैंक के निदेशक को राज्य सहकारी बैंक के बोर्ड में सेवा करने की अनुमति दी गई है।
यह विधेयक बैंकों को वैधानिक लेखा परीक्षकों को दिए जाने वाले पारिश्रमिक को तय करने में अधिक स्वतंत्रता प्रदान करता है।

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