0.5 percent cut in CRR – One India Times https://oneindiatimes.com National News Portal Fri, 06 Dec 2024 11:03:42 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://oneindiatimes.com/wp-content/uploads/2022/12/fav.png 0.5 percent cut in CRR – One India Times https://oneindiatimes.com 32 32 RBI ने CRR में 0.5 प्रतिशत की कटौती की, तरलता बढ़ाने और विकास को बढ़ावा देने के लिए लिया निर्णय https://oneindiatimes.com/rbi-cuts-crr-by-0-5-percent-decision-taken-to-increase-liquidity-and-promote-growth/ https://oneindiatimes.com/rbi-cuts-crr-by-0-5-percent-decision-taken-to-increase-liquidity-and-promote-growth/#respond Fri, 06 Dec 2024 11:03:42 +0000 https://indiatimesgroup.com/?p=32508

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने 0.5 प्रतिशत की कटौती करके कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में बदलाव किया है। इस कदम का उद्देश्य अर्थव्यवस्था में तरलता बढ़ाना और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है। CRR में कटौती से बैंकों के पास अधिक धन उपलब्ध होगा, जिससे उधारी के लिए अधिक संसाधन मिलेंगे।

रेपो दर स्थिर, CRR में बदलाव
RBI ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है, जो उम्मीद के मुताबिक था, क्योंकि मुद्रास्फीति दर अभी भी MPC की निर्धारित सीमा, 6 प्रतिशत के आसपास है। आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अगर दिसंबर 2024 तक मुद्रास्फीति 5 प्रतिशत से नीचे जाती है, तो फरवरी 2025 में रेपो दर में कटौती की संभावना हो सकती है।

CRR कटौती से तरलता में वृद्धि
CRR में 0.5 प्रतिशत की कटौती से बैंकिंग प्रणाली में 1.16 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त तरलता आएगी। इस अतिरिक्त धन से बैंकों को लोन दरें घटाने और अधिक उधार देने में मदद मिलेगी, जो रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल और उपभोक्ता वस्तुओं जैसे क्षेत्रों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

विकास और मुद्रास्फीति का संतुलन बनाए रखना
एसकेआई कैपिटल के प्रबंध निदेशक नरिंदर वाधवा ने कहा कि RBI का यह कदम विकास और मुद्रास्फीति के बीच संतुलन बनाए रखने की दिशा में सूक्ष्म दृष्टिकोण है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने चेताया कि अतिरिक्त तरलता से बाजार में सट्टा गतिविधियां बढ़ सकती हैं, जिसका नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।

विवेकपूर्ण नीतिगत दृष्टिकोण
जेएलएल के मुख्य अर्थशास्त्री डॉ. सामंतक दास ने कहा कि लगातार 11वीं बार रेपो दर को स्थिर रखना RBI की विवेकपूर्ण नीति का संकेत है। उनका मानना है कि मौसमी मुद्रास्फीति अगले तिमाही में कम हो सकती है, जिससे दरों में कटौती की संभावना बन सकती है।

नए नीतिगत निर्णय का स्वागत
RBI के इस निर्णय को घरेलू और बाहरी चुनौतियों के बीच एक नाजुक संतुलन बनाए रखने का प्रयास बताया गया है। पीएल कैपिटल के अर्थशास्त्री अर्श मोगरे के अनुसार, यह निर्णय विकास को गति देने और तरलता को बढ़ाने के लिए एक उपयुक्त कदम है।

उम्मीदों के मुताबिक सकारात्मक प्रभाव
CRR में कटौती से बैंकों को अधिक उधारी देने की सुविधा मिलेगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है। उद्योग जगत ने इस निर्णय को सकारात्मक बताते हुए कहा है कि यह कदम विकास के लिए सहायक साबित हो सकता है।

इस कदम को मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखते हुए आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का ठोस प्रयास माना जा रहा है। यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार और विकास के संकेत देता है।

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