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नई दिल्ली।  श्री सीमेंट को आयकर विभाग से 261.88 करोड़ रुपये की मांग के खिलाफ मूल्यांकन आदेश मिला है। कंपनी को निर्धारण वर्ष 2021-22 से संबंधित आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 143(3) के तहत आदेश मिला है, जिसमें कुछ अतिरिक्त/अस्वीकृति की गई है।

श्री सीमेंट ने कहा, कंपनी ने उस आदेश में प्रथम दृष्टया त्रुटियां यानी ‘रिकॉर्ड से स्पष्ट गलती’ देखी है। कंपनी ने कहा, कंपनी मूल्यांकन आदेश में की गई अस्वीकृतियों के खिलाफ अपील दायर करने की प्रक्रिया में है, साथ ही आदेश में प्रथम दृष्टया त्रुटियों के सुधार के लिए याचिका भी दायर कर रही है। हम अपने मामलों में अपीलीय प्राधिकारियों की प्राथमिकता/आदेशों को देख रहे हैं और विचार कर रहे हैं। त्रुटियों के अनुसमर्थन के लिए याचिका पर राहत की उम्मीद है, कंपनी को उम्मीद है कि पूरी मांग कम हो जाएगी। ऐसे में, कंपनी की वित्तीय, परिचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

श्री सीमेंट ने कहा कि वह मूल्यांकन आदेश में उठाई गई 261.88 करोड़ रुपये की मांग के खिलाफ आयकर कानून में दिए गए सहारा का लाभ उठाएगी। 5 फरवरी को एक पूर्व नियामक फाइलिंग में श्री सीमेंट ने कहा कि कंपनी ने पहले स्टॉक एक्सचेंजों को आयकर विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण के बारे में सूचित किया था। कंपनी के अधिकारियों ने आईटी अधिकारियों को पूरा सहयोग दिया। इसके बाद, आयकर विभाग ने सर्वेक्षण कार्यवाही के संबंध में कंपनी से उनके सवालों के जवाब मांगे। कंपनी ने इसका विधिवत जवाब दिया है।

श्री सीमेंट ने कहा, कंपनी को जनवरी में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें कंपनी से पूछताछ पर अपनी प्रतिक्रिया संक्षेप में बताने को कहा गया था। नोटिस में कर जमा करने की कोई मांग नहीं की गई थी। कंपनी अपना जवाब तैयार करने की प्रक्रिया में है और कहा है कि वह नोटिस का अनुपालन करेगी।

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